हर साल की तरह इस साल भी पूरी रथयात्रा मनायी जा रही है, ये त्यौहार सालों से चली आ रही है जिसमें लाखों की भीड़ होती है, भक्त एकजुट होकर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं|ये त्यौहार हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है|और इस साल 7 जुलाई 2024 को मनायी जा रही है|ये त्यौहार पूरी के अलावा पूरे देश भर में करीब हर जगह मनाई जाती है तथा विदेश में बी नॉनइंडियन के द्वार मनाई जाती है|भगवान की एक झलक और आशीर्वाद के लिए भक्त कई दूर से आ कर पूरी पे इस दिन उपस्थित रहते हैं|
Why we celebrated Rath Yatra every year-हम हर साल रथयात्रा क्यों मनाते हैं?
रथयात्रा मनाने का मुख्य कारण हर साल प्रभु जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने रथ पर सवार होके श्री मंदिर से निकल कर अपने मौसी देवी गुंडिचा माता के घर घूमने जाते हैं और अपने भक्तों को हर साल एक बार इस दिन दर्शन देते हैं देखते हैं|इसलिए प्रभु जगन्नाथ जी की एक झलक और आशीर्वाद के लिए उसी परंपरा को हर साल मनाया जाता है रथयात्रा के रूप में|
Name of three rath(Chariot)-सभी रथ का नाम
भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम नंदीघोष है,जिसको लाल और पीले कपड़े से कवर करके बनाया जाता है|भगवान जगन्नाथ जी के बहन सुभद्रा जी के रथ का नाम दर्पदलाना जिसको लाल और काले कपड़े से बनाया जाता है|और उनके भाई बलभद्र जी के रथ का नाम तालध्वजा है जिसको लाल और नीले कपड़े से कवर करके बनाया जाता है|